आग तथा आग के प्रकार
दोस्तों वैसे तो आग हमारे जीवन की एक बहुत ही महत्वपूर्ण आवश्यकता है।किंतु जब यह विकराल रूप ले लेती है।तो हमारे जीवन में यह दुर्घटना का कारण बन सकती है।इसीलिए आज हम इसके प्रकृति और इसके व्यवहार के बारे में जानेंगे।
आग की परिभाषा
आग वह रासायनिक अभिक्रिया है जो इंधन ताप और ऑक्सीजन के समुचित या पर्याप्त मात्रा में मिलने से उत्पन्न होती है इसमें से प्रकाश ऊष्मा तथा धुआं उत्सर्जित होता है।
आग लगने के 3 मुख्य कारक
1. ईंधन- जलने योग्य पदार्थ
2. ताप- ईंधन को जलाने योग्य आवश्यक तापमान
3. ऑक्सीजन- दहन को बढ़ाने का उत्प्रेरक
आग के प्रकार
आग मुख्यत: चार प्रकार की होती है
1.Class-A(Solid Fire) ठोस पदार्थ की आग-
क्लास ए फायर में वह ज्वलनशील कार्बनिक पदार्थ आते हैं जो ठोस होते हैं तथा जिनके जलने से उनमें से कुछ अवशिष्ट प्राप्त होता हो। इन्हें साधारण आग की श्रेणी में रखा गया है।जैसे लकड़ी,कोयला, कागज,रबर, जूट ,कचरा इत्यादि।
2.Class-B(liquid fire) द्रव पदार्थ की आग-
क्लास बी में मुख्यतः वह ज्वलनशील द्र्व पदार्थ आते हैं जो अति ज्वलनशील होते हैं। जैसे के पेट्रोल,डीजल ,केरोसिन ,गैसोलीन, स्पिरिट तथा अल्कोहल इत्यादि
3.Class-C(gas fire) गैस तथा इलेक्ट्रिक की आग-
क्लास सी फायर के अंतर्गत उन ज्वलनशील गैसों को वर्गीकृत किया गया है जो अत्यंत ज्वलनशील होती हैं जैसे- एथेन,मेथेन,प्रोपेन,ब्यूटेन,सीएनजी ,एलपीजी इत्यादि तथा इसके अंतर्गत इलेक्ट्रिक उपकरणों को भी इसके श्रेणी में रखा गया है।
4.Class D(metal fire) धातुओं की आग-
क्लास डी फायर के अंतर्गत उन ज्वलनशील धातुओं को वर्गीकृत किया गया है जो अत्यंत ज्वलनशील तथा विस्फोटक के गुण रखते हो जैसे- जिंक,सोडियम,पोटेशियम,मैग्नीशियम,प्लूटोनियम जीरकोनियम,यूरेनियम इत्यादि।
उपरोक्त जानकारी अगर अच्छी लगी हो तो कृपया इसे शेयर करें । अगले ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे आग बुझाने वाले कारक तथा उनके प्रकारों के बारे में।
Blogged By : Rohit Datt Pathak (SG Fire protection services)
Nice sir
ReplyDeleteVery good information.....Hope you will continue to give such information even further.
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